उस रात
गहरे अँधेरे में
सन्नाटे को अचानक तोड़कर
चीखने के बाद
बरगद पर बैठने वाला उल्लू
चुपचाप आंखें बंद कर बैठा है ।
कहते हैं
कि उस रात
उसने जो भी देखा
वह बहुत ही भयावह था ।
एक आदमी
दबे क़दमों से पेड़ के नीचे आया
अपने हाथों से उसने
अपना चेहरा उतारा
फिर सिर ऊपर कर
आसमान की ओर देखा ।
और बस
तभी बरगद पर बैठने वाला
उल्लू चीख पड़ा
और उसने अपनी आँखें बंद कर लीं ।