Friday, September 24, 2010

Let Me Rest

सभी कहते

"चले चलो
जब तक चलें कदम "
पर अब नहीं मानता मन ।


क्यों न रूक जाऊँ
अभी
यहीं ।


नहीं करता
आगे चलने को अब मन ।

बहुत हुआ
करे बहुत झगड़े
भागे फिरे
यहाँ से वहाँ
ले कर मन में
जाने कितनी प्यास ।

अब बस तो बस ।
नजर भर कर देख लूं
अपने चारों ओर
जी भर कर लूं गहरी साँसे

और सुनूं उन साँसों की आवाजें
ठहर कर
यहीं
बस यहीं ।





April 02, 1994